बस्ती

भ्रष्टाचार में संलिप्त ग्राम पंचायत कोइलपुरा

 

*मनरेगा बना भ्रष्टाचार का सबसे साफ्ट तरीका* *भ्रष्टाचार में संलिप्त ग्राम पंचायत कोइलपुरा*

  बस्ती। सदर ब्लाक में कहीं न कहीं विभाग के लापरवाही के कारण सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। योगी सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति को धराशाई करने में बस्ती सदर ब्लाक के ग्राम पंचायत कोइलपुरा कर रहा है।एक तरफ पंचायती विभाग ईमानदारी का ढिंढोरा पीट रहा है वहीं भ्रष्टाचार में शामिल बिभाग के ताल मेल से ग्राम प्रधान पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार में संलिप्त है ।

जब विभाग से जानकारी करना चाहा तो विभाग ने कहा जानकारी हुआ है दिखवाता हूं। फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाता हैं। अभी ताजा मामला कोइलपुरा का है यहां मनरेगा मजदूरों कि हाजिरी दो सौ छ लगी है। लेकिन यह हाजिरी केवल कागज में लगा है। वास्तव में जमीनी हकीकत कुछ और वया कर रहा है। भ्रष्टाचार में इस तरह संलिप्त ग्राम पंचायत कोइलपुरा पर क्यों नही अधिकारियों कि निगाहें पड़ रही।

आखिर कार क्या मामला है जो प्रधान के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हो रहा। क्या प्रधान के ऊपर किसी राजनीतिक व्यक्ति का हाथ है या फिर कमीशन का असर जिससे प्रधान पर कोई कार्यवाही नहीं हो रहा। आखिर भ्रष्टाचार इसी तरह बढ़ता रहा तो आने वाले समय में भ्रष्टाचार का बोलबाला होगा। ग्राम पंचायत कोइलपुरा में चकरोट मिट्टी पटाई काम दर्शाया गया है उस पर जमीन हकीकत कुछ और है। सूत्रों का मानें तो रोजगार सेवक भ्रष्टाचार में अहम रोल अदा करता है। क्या रोजगार सेवक को इस काम के लिए अलग से मेहनताना मिलता है। या प्रधान का दबाव आखिर कार रोजगार सेवक अपनी नौकरी क्यों दांव पर लगा दिया।

ग्राम पंचायत कोइलपुरा में इतना लम्बा हाजिरी लगाकर प्रधान और रोजगार सेवक ने यह साबित कर दिया कि ग्राम पंचायत कोइलपुरा में मनरेगा मजदूरों कि जरूरत नहीं है। केवल कागज कि कोरम पूर्ति कर मजदूरों कि संख्या बढ़ा दी जाती है। रही बात भुगतान कि तो कहीं न कहीं मजबूरी में मनरेगा मजदूरों के खाते में मजदूरी भेजना पड़ता है। भेजें गये मजदूरी को निकालने के एवज में जाबकार्ड धारक को दो सौ से तीन सौ देकर सभी पैसे को रोजगार सेवक प्रधान सहित बिभागिये लोग हजम कर जाते हैं। वहीं ग्राम पंचायत कोइलपुरा में सार्वजनिक शौचालय में हमेशा ताला लटका रहता है।और केयरटेकर का भुगतान हो जाता है। ग्रामीणों के अनुसार इस तरह तमाम काम कराये जाते हैं। जहां मजदूर कम हाजिरी ज्यादा होती है। फिर उसी काम को मास्टररोल में मनरेगा मजदूरों का फोटो लगाकर उनकी उपस्थिति आनलाइन दर्ज करा दी जाती है।ग्रामीणों की मानें तो यह मनरेगा में सेंध लगाने की पृष्ठभूमि तैयारी करने का मामला है।इसी तरह से ग्राम पंचायत कोइलपुरा में 10 से 20 मजदूरों का फोटो आनलाइन कर फर्जी तरीके से सैकड़ों मजदूरों द्वारा कार्य कराए जाने का मामला ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना रहता है।भ्रष्टाचार के खेल में किन- किन लोगों की संलिप्तता होती है यह जिम्मेदार ही जाने, परन्तु इस प्रकार के समाचार अक्सर सुर्खियों में भी आते रहते हैं जो जांच का विषय है। इस बावत ग्राम प्रधान के मोबाइल पर फोन किया तो मोबाइल रिसीव करना वाजिब नहीं समझा।

खंड़ विकास अधिकारी बस्ती सदर ने बताया कि गलत तरीके से कराये गए कार्य को मनरेगा में शामिल नहीं किया जा सकता मौके का जांच करवा कर सख्त कार्रवाई कि जायेगी।

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